Wednesday, April 13, 2016

श्रीदेवी आदिकर्ती तुळजा भवानी
सदा आनंदभरित | रंगसाहित्य संगीत || १ ||
जगदात्मा जगदेश्वरी | जगज्जोती जगदोध्दारी || २ ||
जिच्या वैभवाचे लोक | हरिहर ब्रह्मादिक || ३ ||
बहु राजे राजेश्वर | सर्व तुझेची किंकर || ४ ||
वसे आकाशी पाताळी | सर्वकाळी तिन्हीताळी || ५ ||
सर्व देह हालविते | चालविते बोलविते || ६ ||
मूळमाया विस्तारली | सिद्धसाधकांची बोली || ७ ||
शक्ति सर्वांगे व्यापिली | शक्ती गेली काया मेली || ८ ||
होते कोठून उत्पत्ति | भगवति भगवति || ९ ||
सुख तीवाचूनि नाही | न लगे अनुमान काही || १० ||
जाली माता मायराणी | भोग नाही ती वाचुनि || ११ ||
भूमंडळींच्या वनिता | बाळ तारुण्य समस्ता || १२ ||
जगजीवनी मनमोहिनी | जिवलगाची त्रिभुवनी || १३ ||
रूप एकाहुनी एक | रम्य लावण्य नाटक || १४ ||
पाहा एकाची अवयव | भुलविले सकळ जीव || १५ ||
मन नयन चालवी | भगवती जग हालवी || १६ ||
भोग देते भूमंडळी | परि आपण वेगळी || १७ ||
योगी मुनिजन ध्यानी | सर्व लागले चिंतनी || १८ ||
भक्ती मुक्ती युक्ती दाती | आदिशक्ती सहज स्थिती || १९ ||
सतरावी जीवनकळा | सर्व जीवांचा जिव्हाळा || २० ||
मुळी रामवरदायिनी | रामदास ध्यातो मनी || २१ ||
 

No comments: