रामवरदायिनी |भवानी स्तुती|
त्रैलोक्यपालनी | विश्वमाता || १ ||
आदिशक्ती भली |वैभवे शोभली |
दुर्जना क्षोभली | काळरात्री || २ ||
त्रैलोक्यपालनी | विश्वमाता || १ ||
आदिशक्ती भली |वैभवे शोभली |
दुर्जना क्षोभली | काळरात्री || २ ||
काळ कात्यायनी | दैत्यसंव्हारणी |
संकटी चाचणी | होत आहे || ३ ||
चंचळा दामिनी | त्रैलोक्यकामिनी |
अंतरी गामिनी | गुप्त गंगा || ४ ||
गुप्त नानापरी | रूप नाना धरी |
क्षोभली अंतरी |ठाणमाने || ५ ||
ते ठाण नेटके | त्रिशूळ खेटके |
अंतरी अंतके | वस्ती केली || ६ ||
राक्षेस मारिले | दैत्य संहारिले |
दुर्जन मारिले | सर्प जैसे || ७ ||
खांडके नायटे | दूत चौताळती |
भिकेसी लाविती | चुको नये || ८ ||
कितेक मातले | कोढ पैसावले |
कितेक कावले |जीव देती || ९ ||
माव कामा नये | भाव भक्ती जये |
उदंड विनये |होत जातो || १० ||
कुळदेव्या वरी | भाळीता अंतरी |
रंक राजा करी | सीघ्र काळे || ११ ||
रंक राजा करी | राव रंका करी |
कल्पना दुसरी | आडळेना || १२ ||
ज्यां जसी भावना | त्यां तसी कामना |
वैभवा कांचना | आणि नाही ||१३ ||
न घडते टे घडे | गैव ते सापडे |
ब्रहम ठाई ठाई पडे | प्रत्ययाने || १४ ||
बाळ सांभाळिले | कुळचि पाळिले |
दुख निर्दाळिले | सकळ काही || १५ ||
उदयो उदयो | आनंद आनंद |
सत्य नित्यानंद | वोहटेना || १६ ||
भडस पुरे बरी |ब्रह्मांड विवरी |
निश्चयो थावरी | निश्चयाचा || १७ ||
वैराग्ययोगिणी | शक्ती अगी भरे |
अतृप्ती वोसरे | सर्व काही || १८ ||
उदंड धारणा | देत साधारणा |
सर्वही कारणा | मूळमाया || १९ ||
दयाळू मयाळू | सर्व चिंता करी |
भक्त हाती धरी | राघवाचा || २० ||
राघवाच्या वरे | रामवरदायिनी |
होय ऐसे मनी | साक्ष आली || २१ ||
साक्ष आली मनी | चित्त लांचावले |
सुमन धाडिले | चंपकाचे || २२ ||
चंपकाचे पुष्प | देऊनी उत्तीर्ण |
रामदासे चरण | वंदियेले || २३ ||
उत्तीर्ण मी काये | ,मी काये मी काये |
भक्ती हे नवमी | रामदासी || २४ ||
संकटी चाचणी | होत आहे || ३ ||
चंचळा दामिनी | त्रैलोक्यकामिनी |
अंतरी गामिनी | गुप्त गंगा || ४ ||
गुप्त नानापरी | रूप नाना धरी |
क्षोभली अंतरी |ठाणमाने || ५ ||
ते ठाण नेटके | त्रिशूळ खेटके |
अंतरी अंतके | वस्ती केली || ६ ||
राक्षेस मारिले | दैत्य संहारिले |
दुर्जन मारिले | सर्प जैसे || ७ ||
खांडके नायटे | दूत चौताळती |
भिकेसी लाविती | चुको नये || ८ ||
कितेक मातले | कोढ पैसावले |
कितेक कावले |जीव देती || ९ ||
माव कामा नये | भाव भक्ती जये |
उदंड विनये |होत जातो || १० ||
कुळदेव्या वरी | भाळीता अंतरी |
रंक राजा करी | सीघ्र काळे || ११ ||
रंक राजा करी | राव रंका करी |
कल्पना दुसरी | आडळेना || १२ ||
ज्यां जसी भावना | त्यां तसी कामना |
वैभवा कांचना | आणि नाही ||१३ ||
न घडते टे घडे | गैव ते सापडे |
ब्रहम ठाई ठाई पडे | प्रत्ययाने || १४ ||
बाळ सांभाळिले | कुळचि पाळिले |
दुख निर्दाळिले | सकळ काही || १५ ||
उदयो उदयो | आनंद आनंद |
सत्य नित्यानंद | वोहटेना || १६ ||
भडस पुरे बरी |ब्रह्मांड विवरी |
निश्चयो थावरी | निश्चयाचा || १७ ||
वैराग्ययोगिणी | शक्ती अगी भरे |
अतृप्ती वोसरे | सर्व काही || १८ ||
उदंड धारणा | देत साधारणा |
सर्वही कारणा | मूळमाया || १९ ||
दयाळू मयाळू | सर्व चिंता करी |
भक्त हाती धरी | राघवाचा || २० ||
राघवाच्या वरे | रामवरदायिनी |
होय ऐसे मनी | साक्ष आली || २१ ||
साक्ष आली मनी | चित्त लांचावले |
सुमन धाडिले | चंपकाचे || २२ ||
चंपकाचे पुष्प | देऊनी उत्तीर्ण |
रामदासे चरण | वंदियेले || २३ ||
उत्तीर्ण मी काये | ,मी काये मी काये |
भक्ती हे नवमी | रामदासी || २४ ||
No comments:
Post a Comment