Wednesday, April 13, 2016

आदिशक्ती
कुमारी शारदा देवी | सुंदरा गायनी कळा |
हंसासनी चतुर्भुजा | वीणा पुस्तक नेटके || १ ||
ब्रह्मी जाली जगजोती | ब्रह्मसुता म्हणोनिया |
ब्रह्मसुता वेदमाता | वेद तेथून जाहाले || २ ||
जाणीव म्हणजे देव्या | जाणता देव बोलिजे |
सीवशक्ती रत्नजोती | वेगळी करितां न ये || ३ ||
सीवशक्ती बहुरूपा | नामरूपी विलासते |
दिसते नासते काया | माया ते अंतरी वसे || ४ ||
ब्रह्मांडीची मूळमाया | पींडीची जाणिजे परा |
परा ते मूळमाया ते | वेदमाता म्हणोनिया || ५ ||

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